मनुष्य की मूलभूत पांच आवश्यकता है -
- रोटी
- कपड़
- मकान
- शिक्षा
- स्वास्थ्य।
आम आदमी को मूलभूत आवश्यक वस्तु / सेवा उपलब्ध होना ही विकास का पर्याय है। रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य सेवा, बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा आदि जीवन की मूलभूत आवश्यकताएँ हैं।
जिस देश में ये सुलभ हैं, वे देश विकसित मानव विकास सूचकांक में प्रतिव्यक्ति आय से नागरिक के वस्तु/सेवा खरीदने क्षमता का पता चलता है।
स्वास्थ्य की स्थिति, शिशु मृत्यु दर, जीवन प्रत्याशा तथा साक्षरता से मानव विकास के स्तर का पता चलता है।
भारत का मानव विकास सूचकांक कम है, क्योंकि हम लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं को समुचित तौर पर की पूरा नहीं कर पाते हैं।