भारत में मजदूर आंदोलन के विकास का वर्णन करें। Bharat Me Majdoor Aandolan Ke Vikas Ka Varnan Karen
309 views
5 Votes
5 Votes
भारत में मजदूर आंदोलन के विकास का वर्णन करें। Or, Bharat Me Majdoor Aandolan Ke Vikas Ka Varnan Karen.

1 Answer

1 Vote
1 Vote
 
Best answer

यूरोप में औद्योगिकरण और मार्क्सवादी विचारों के विकास का प्रभाव अन्य देशों पर भी पड़ा और भारत में भी औद्योगिक प्रगति के साथ-साथ मजदूर वर्ग में चेतना जागृत हुई।

बीसवीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में सुब्रमण्यम अय्यर ने मजदूरों के यूनियन के गठन की बात कही तो दूसरी ओर स्वदेशी आंदोलन का भी प्रभाव मजदूरों पर पड़ा।

अहमदाबाद में मजदूरों ने अपने अधिकार को लेकर आंदोलन तेज कर दिया। गांधीजी ने मजदूरों की मांग का समर्थन किया और मिल मालिकों के साथ मध्यस्था का प्रयास किया।

अतः उन्हीं के सुझाव पर बोनस पुनः बहाल किया गया और इसकी दर 35% निर्धारित की गई।

सन 1917 ईस्वी की रूसी क्रांति का प्रभाव मजदूर वर्ग पर भी पड़ा। 31 अक्टूबर 1920 ईस्वी को कांग्रेस पार्टी ने ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की स्थापना की।

सी.आर. दास ने सुझाव दिया कि कांग्रेस द्वारा किसानों एवं श्रमिकों को राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय रूप में शामिल किया जाए और उनकी मांगों का समर्थन किया जाए।

कालांतर में वामपंथी विचारों की लोकप्रियता ने मजदूर आंदोलन को और अधिक सशक्त बनाया, जिससे ब्रिटिश सरकार की चिंता और अधिक बढ़ गई।

मजदूरों के खिलाफ दमनकारी उपाय भी किए गए। सन 1931 ईस्वी में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस का विभाजन हो गया।

इसके बाद राष्ट्रीय आंदोलन में जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस आदि नेता द्वारा समाजवादी विचारों के प्रभावाधीन मजदूरों का समर्थन जारी रहा।

RELATED DOUBTS

Peddia is an Online Question and Answer Website, That Helps You To Prepare India's All States Boards & Competitive Exams Like IIT-JEE, NEET, AIIMS, AIPMT, SSC, BANKING, BSEB, UP Board, RBSE, HPBOSE, MPBSE, CBSE & Other General Exams.
If You Have Any Query/Suggestion Regarding This Website or Post, Please Contact Us On : [email protected]

CATEGORIES