भारत के आर्थिक विकास (Economic development) में सड़कों का बड़ा योगदान है। भारत का सड़क जाल विश्व के विशालतम सड़क जालों में से एक है।
इसकी कुल लम्बाई 33.1 लाख किमी० है। प्रतिवर्ष लगभग 85% यात्री तथा 70% माल सड़कों द्वारा ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाये जाते हैं।
छोटी दूरियों की यात्रा के लिए सड़क परिवहन अपेक्षाकृत अनुकूल होता है। भारत में गाँव बड़े और छोटे नगरों से सड़क द्वारा जुड़ गए हैं तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार आ गया है।
सीमांत सड़कें सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाती हैं। सड़कें विभिन्न क्षेत्रों के बीच सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक संपर्कों को बढ़ाती है।
प्राकृतिक आपदा के समय रेलवे की तुलना में सड़क मार्ग से पहुँचना सरल है। कारें और आरामदेह बसें पर्यटन को सुविधाजनक बनाती है।
नष्ट होने वाली वस्तुओं जैसे— दूध, फल, सब्जियों इत्यादि का शीघ्र परिवहन सड़क द्वारा संभव है। बस, ट्रक तथा कार कहीं भी रुक कर सवारी और सामान उतार-चढ़ा सकती है।
इसने पहाड़ी, ऊबड़-खाबड़, मरुस्थली, दलदल इत्यादि सब तरह के धरातलों को जोड़ दिया है।