हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो की खुदाइयों में कुछ मुहरे, लघु मृण्मूर्तियों तथा ताबीज मिले हैं जिनसे सिन्धु सभ्यता के लोगों के धार्मिक विश्वासों के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है।
इनका अध्ययन करने के पश्चात् सिन्धु सभ्यता के धार्मिक जीवन की निम्नलिखित विशेषताएँ सामने आती हैं—
i. मातृदेवी की उपासना : सिन्धु सभ्यता के लोगों में मातृदेवी के रूप में स्त्री शक्ति की पूजा प्रचलित थी ।
ii. शिव की पूजा : पुरुष देवताओं में इस देवता की मूर्ति अपना विशिष्ट स्थान रखती थी।
iii. लिंग तथा योनि की उपासना : सिन्धु सभ्यता के लोग मातृदेवी तथा शिव की पूजा के अतिरिक्त लिंग तथा योनि की भी पूजा करते थे।
iv. अग्नि तथा जल पूजा : प्रत्येक घर में अग्निशाला व स्नानागार मिला है। इससे अनुमान लगाया जाता है कि सिन्धु सभ्यता के लोग अग्नि तथा जल की पूजा करते थे।
v. जादू-टोने में विश्वास : सिन्धु सभ्यता के लोग जादू-टोने, भूत-प्रेतों में विश्वास करते थे।
कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि आधुनिक हिन्दू धर्म सिन्धु सभ्यता के लोगों का ऋणी है।