Ans. जनसंख्या के घनत्व को प्रति इकाई क्षेत्र में व्यक्तियों की संख्या द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। इससे भूमि के सन्दर्भ में जनसंख्या के स्थानिक वितरण को अच्छे ढंग से समझने में सहायता मिलती है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या का घनत्व 333 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है जो एशिया के सघनतम बसे देशों बांगला देश (849 व्यक्ति) और जापान ( 334 व्यक्ति) के बाद तीसरे स्थान पर है। 1951 ई० में जनसंख्या का घनत्व 117 व्यक्ति से बढ़कर 2011 में 313 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० होने से विगत 50 वर्षों में 200 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० की उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है।
राज्य स्तर पर जनसंख्या घनत्व भिन्न-भिन्न है। यह अरुणाचल राज्य में 13 व्यक्ति तथा पश्चिम बंगाल में 904 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है। बिहार का स्थान दूसरा है। यहाँ 880 व्यक्ति प्रति कि० मी० तथा केरल का तीसरा स्थान है जहाँ 819 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है। जिला स्तर पर जन घनत्व का प्रारूप निम्नलिखित रूप से वर्गीकृत किया जाता है।
1. बहुत कम घनत्व के क्षेत्र : इस वर्ग में 32 जिले आते हैं। इनमें 50 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० से भी कम है। ये जिले उत्तर-पूर्वी भारत और राजस्थान तथा गुजरात के जिले हैं। 2. मध्यम घनत्व के क्षेत्र : इसमें घनत्व 101 से 200 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० पाया जाता है। इन जिलों की संख्या 172 है। ये जिले राजस्थान, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ आदि राज्य के हैं। 3. कम घनत्व के क्षेत्र : इस वर्ग में 51 से 100 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० घनत्व वाले जिले हैं। ये भारत के 23 जिले हैं जो पहाड़ी तथा शुष्क क्षेत्रों में स्थित हैं।
4. उच्च घनत्व के क्षेत्र: यहाँ घनत्व 201 से 400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है। इस वर्ग में 123 जिले हैं। ये मुख्यतः तमिलनाडु, तटीय उड़ीसा, आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा आदि में हैं।
5. अत्यधिक घनत्व के क्षेत्र : इनमें 400 से अधिक व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० घनत्व है। इन जिलों में नगरीकरण हुआ है। इनमें कोलकाता, मुम्बई, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद जैसे बड़े नगर आते हैं।