आपदा प्राकृतिक हो या मानवकृत, इसका सीधा असर जनजीवन पर पड़ता है।
आपदा के कारण धन-जन की व्यापक हानि होती है तथा राष्ट्र का विकास भी दुष्प्रभावित होता है।
अतः यह आवश्यक है कि आपदा का प्रबंधन किया जाए।
यह प्रबंधन आपदा - पूर्व एवं आपदा - पश्चात, दो प्रकार का होना चाहिए।
आपदा प्रबंधन हेतु व्यवस्था पंचायत स्तर से लेकर प्रखंड, जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक की जानी चाहिए।