सामाजिक जीवन (Social life) : सिन्धु घाटी सभ्यता से प्राप्त अवशेषों से पता चलता है कि सिन्धु सभ्यता के लोगों का सामाजिक जीवन काफी उन्नत था।
उनकी सभ्यता नागरिक सभ्यता थी और इन्हें आधुनिक जीवन की सुख-सुविधायें प्राप्त थी।
इसके साथ ही लोग शिक्षित थे और लेखन कला का ज्ञान प्राप्त था।
सिन्धु सभ्यता से प्राप्त अवशेषों से मालूम पड़ता है कि समाज चार भागों में बँटा हुआ था—
- विद्वान
- योद्धा
- व्यवसायी और
- श्रमिक।
समाज की इकाई परिवार थी और परिवार मातृसतात्मक था। ये लोग बड़े शांतिप्रिय थे और युद्धों से घृणा करते थे।
सिन्धु सभ्यता के लोगों का भोजन सादा व पौष्टिक था जिनमें गेहूँ और जौ की प्रधानता थी। फल और विभिन्न तरह के सब्जियाँ भी इनके भोजन में शामिल था।
ये लोग दूध और दूध से बनी सामग्रियों का भी प्रयोग करते थे। इनके भोजन में भेड़, मछली, कछुए व अण्डे भी शामिल थे।
पहनावा-ओढ़ावा में सूती एवं ऊनी वस्त्रों का प्रयोग करते थे। स्त्री और पुरुषों में आभूषणों का बड़ा शौक था।
समाज में स्त्रियों की स्थिति अच्छी थी। पर्दा प्रथा, सती प्रथा आदि के साक्ष्य नहीं मिले हैं। वे घर पर सूत काटने एवं कपड़ा बुनने का कार्य करती थीं।
बच्चे मिट्टी के बने खिलौने का प्रयोग करते थे। नृत्य, संगीत तथा शतरंज मनोरंजन के प्रमुख साधन थे।