प्रत्येक बच्चे की पृष्ठभूमि में, रहन-सहन तथा भाषा में विविधता होती है। इस विविधता के विषय में जानना, बच्चे के सांस्कृतिक पर्यावरणीय अनुभवों तथा मान्यताओं के साथ बहुत कुछ लेकर अपनी कक्षा में प्रवेश करते हैं।
उनकी अपनी भाषा है, जो उनकी संस्कृति का हिस्सा है। यह उनके अनुभव को सामने लाने का प्रमुख साधन है। यह पर्यावरण बालक के साथ उनके जन्म लेते ही सामंजस्य स्थापित करना प्रारंभ करता है, और बालक को स्वयं ही पर्यावरण को समझने में मदद करता है।
बालक पर्यावरण में उपलब्ध समस्त वस्तुओं को सीखने की सामग्री के रूप में उपयोग में लाता है और पर्यावरण के विषय में जानकारी एकत्रित करता है।