भाषा ज्ञान से बच्चे दूसरों की बात समझने और अपनी बात कहने में समर्थ होते हैं इसमें उनमें आत्म विश्वास उत्पन्न होता है।
वे अपने भाव को निसंकोच व्यक्त करते हैं जिससे उनकी जन्मजात शक्तियों का विकास होता है। दूसरी सभ्यता एवं संस्कृति का ज्ञान भी भाषा के माध्यम से ही होता है।
भाषा के माध्यम से ही वह किसी समाज का सदस्य बनता है और उसकी सभ्यता तथा संस्कृति सीखता है। इससे उसके व्यक्तित्व का विकास होता है।