मनुष्य में रक्त को हृदय से होकर दो बार गुजरना पड़ता है। इसे दोहरा परिसंचरण कहते हैं ।
व्याख्या : शिराओं द्वारा शरीर के विभिन्न भागों से अशुद्ध रक्त हृदय में लाया जाता है।
हृदय उसे शुद्ध होने के लिए अलग मार्ग से फुफ्फुस में भेज देता है जहाँ कार्बन डाइऑक्साइड बाहर विसरित हो जाती है और ऑक्सीजन रक्त में आ जाती है।
इस प्रकार ऑक्सीजनयुक्त रक्त पुनः हृदय में आता है जिसे शरीर के अंगों में पहुँचाने के लिए पम्प कर दिया जाता है।]