उत्तर: लेखक के अनुशार को कोई भी देश, बहुजातीय राष्ट्र की हैसियत से, इतिहास को ध्यान में रखें तो भारत का मुकाबला नहीं कर सकता।
इसका कारण यह है कि यहाँ राष्ट्रीयता एक जाति द्वारा दूसरी जातियों पर राजनीतिक प्रभुत्व करके स्थापित नहीं हुई।
वह मुख्यतः यहाँ की संस्कृति और इतिहास की देन है। इस देश के कवियों ने अनेक जाति की अस्मिता के सहारे यहाँ की संस्कृति का निर्माण किया है ।