ब्रिटिश आर्थिक नीतियों के परिणामस्वरूप भारत से बड़ी मात्रा में धन का निष्कासन (Drain of Wealth) हुआ।
यह धन इंगलैंड विभिन्न रूपों में ले जाया गया। बंगाल में कंपनी शासन की स्थापना के पूर्व इंगलैण्ड का पर्याप्त धन व्यापार के माध्यम से भारत आता था, परन्तु 1757 ई० के पश्चात् भारत से ही धन इंगलैंड जाने लगा।
भारत से ले जाये गये धन के बदले भारत को कुछ नहीं मिला। यही धन का निष्कासन था। भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब यहाँ के विदेशी शासक नियमित रूप से धन अपने देश ले गये।
यह धन व्यापार के माध्यम से तो जाता ही था कंपनी के कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, उपहार के रूप में भी भारत से पर्याप्त धन इंगलैंड ले जाया गया।