प्राथमिक क्रियाकलाप (Primary activities) प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण पर निर्भर है और इसमें व्यक्ति अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ प्रत्यक्ष रूप से भौतिक पर्यावरण से प्राप्त करता है।
इसके अंतर्गत आखेट, भोजन संग्रह, पशुचारण, मछली पकड़ना, वनों से लकड़ी काटना, कृषि एवं खनन कार्य सम्मिलित किए जाते हैं।
इसके विपरीत, द्वितीयक कार्यकलाप (Secondary activities) में प्रकृति में पाये जाने वाले कच्चे-माल का रूप बदलकर उसे अधिक उपयोगी और मूल्यवान बना दिया जाता है।
विनिर्माण, प्रसंस्करण और निर्माण (अवसंरचना) उद्योग इसके अंतर्गत आते हैं।