भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा बड़ा धान (Paddy) उत्पादक देश है। धान की खेती भारत कुल कृषि-भूमि के एक-चौथाई भाग में की जाती है। यह देश के तीन-चौथाई लोगों का खाद्यान्न है।
धान उष्ण एवं आर्द्र जलवायु की फसल है। इसे बोते समय 20° से०ग्रेड तथा पकते समय 27° से०ग्रेड तापमान आवश्यक है।
धान के खेत में कई महीनों तक पानी भरा रहना आवश्यक है। इसकी खेती के लिए 75 से 200 सेमी० वर्षा आदर्श है।
कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई की आवश्यकता रहती है। धान की खेती के लिए केवाल या चिकनी मिट्टी उपयुक्त होती है।
पहाड़ी ढालों पर सीढ़ीनुमा खेत बनाकर धान की खेती होती है। धान की रोपनी, कटाई और चावल की तैयारी में अधिक मानव-श्रम की आवश्यकता है।
जहाँ ये दशाएँ उपलब्ध हैं, वहाँ चावल की गहन कृषि की जाती है। धान की खेती भारत में प्राय: सभी भागों में की जाती है।
परन्तु, इसका प्रधान उत्पादक क्षेत्र देश का पूर्वी भाग है। गंगा का मध्यवर्ती या निचला मैदान, असम घाटी तथा पूर्वी तटीय प्रदेश और डेल्टा में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।
देश का 90% चावल प० बंगाल, आंध्रप्रदेश, बिहार, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उड़ीसा, असम, केरल, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से प्राप्त होता है।
इन सभी क्षेत्रों में चावल-उत्पादन की उपयुक्त भौगोलिक दशाएँ पायी जाती हैं।