एक निश्चित समयांतराल की आधिकारिक गणना को जनगणना कहते हैं।
भारत में सबसे पहले 1872 ई० में जनगणना की गयी थी।
सन् 1881 में पहली बार सम्पूर्ण जनगणना की गई थी।
उसी समय से प्रत्येक दस वर्ष पर जनगणना होने लगी।
जनगणना का तात्पर्य है- देशवासियों की गिनती। इससे अनेक आँकड़ों की झलक हमें मिलती है।
देश में कुल पुरुषों, महिलाओं, बच्चों, अल्पवयस्कों, वयस्कों, बूढ़ों की संख्या कितनी है।
देश में कितने निरक्षर, कितने साक्षर तथा कितने शिक्षित हैं।
इन सभी बातों की जानकारी मिलती है। इसके अलावे आय, व्यय आदि आँकड़ों का भी पता चलता है।