अपने अनुभवों के आधार पर हम जानते हैं कि बच्ची ठोस अनुभवों से बारम्बार सम्पर्क के जरिए सीखती है। इसके अलावा हर बच्ची का सीखने का अपना ही तरीका होता है। वह अपने अनुभवों को अपनी तरह से समझती है और इस समझ के आधार पर वह अपने मन में किसी अवधारणा की तस्वीर बनाती है।
अतः कहा जा सकता है कि एक ही स्थितियों पर बार-बार लागू करके जो क्रिया व्यापकीकृत और बेहतर होती जाती है उसे स्कीम कहते हैं। दूसरे शब्दों में एक समान स्थितियों पर अनेक क्रियाओं की व्यापकता को स्कीत कहते हैं।
उदाहरण- एक बच्ची फूलों को देखती है। उसने सबसे पहले लाल रंग का एक गुलाब का फूल देखा। इस प्रकार उसकी समझ यह होगी कि फूल का रंग लाल होता है। अगर उससे कहा जाए कि कोई फूल तोड़कर लाओ तो वह लाल रंग के गुलाब के फूल को ही तोड़ेगी।
अगली बार अगर उसने पीले रंग का फूल देखा तो वह फूल को लेकर अपनी समझ बनाएगी। इस प्रकार उसे अलग-अलग रंग और आकार के फूलों से जितना ज्यादा वास्ता पड़ेगा फूलों के संदर्भ में उसकी समझ उतनी ही बढ़ती जाएगी।