1789 में फ्रांस की राष्ट्रीय सभा ने 'मनुष्य तथा नागरिकों के अधिकारों की घोषणा' को स्वीकार किया था।
संसार के इतिहास में सर्वप्रथम मानव अधिकारों की घोषणा तथा स्वतंत्रता एवं समानता के सिद्धांतों को प्रतिपादित करके फ्रांस की क्रांति ने व्यक्ति की महत्ता को स्वीकार किया।
निश्चय ही संसार के इतिहास में यह एक महान घटना थी। अभी तक समाज में साधारण व्यक्ति का कोई महत्त्व नहीं था।
प्रत्येक व्यक्ति को राजनीतिक स्वतंत्रता मिली। राज्य की सर्वोच्च सत्ता उसी में निवास करने लगी।
जनता की अभिव्यक्ति को ही कानून माना जाने लगा। कानून के समक्ष सभी समान हैं।
सामाजिक असमानता का अन्त हो गया और वर्ग-विभेद की पुरानी बात समाप्त हो गई।
आगे चलकर यह सिद्धांत विश्वव्यापी रूप धारणा कर लिया।