i. यूरोपीय शक्तिशाली देशों में साम्राज्यवादी प्रतिस्पर्धा : यूरोप के फ्रांस, इंगलैंड, जर्मनी, आस्ट्रिया आदि शक्तिशाली देशों में विशाल साम्राज्य स्थापित करने की प्रतिस्पर्धा उत्पन्न हो गई।
जर्मनी एशिया तथा अफ्रीका में अपने उपनिवेश बढ़ाने के लिए विशेष रूप से उत्सुक था। उपनिवेशों की स्थापना केवल युद्ध द्वारा ही हो सकती थी।
ii. विभिन्न गुटों का निर्माण : फ्रांस तथा जर्मनी एवं आस्ट्रिया तथा रूस के बीच भारी शत्रुता उत्पन्न हो गई। इसके परिणामस्वरूप 1882 में जर्मनी, आस्ट्रिया तथा इटली ने मिलकर ट्रिपल एलायंत्र (त्रिगुट) की स्थापना की।
इससे प्रभावित होकर 1907 में इंगलैंड, फ्रांस तथा रूस ने त्रिदेशीय संघ की स्थापना की।
iii. बाल्कन राज्यों का प्रश्न : बाल्कन प्रायद्वीप के देशों पर टर्की का लम्बे समय से अधिकार था। इन नगर राज्यों ने टर्की के विरुद्ध संघर्ष आरंभ कर दिया।
इसमें यूरोपीयों ने हस्तक्षेप करना आरंभ कर दिया। इससे यूरोपीयन शक्तियों में अधिक-से-अधिक लाभ उठाने के लिए संघर्ष छिड़ गया।
iv. हथियारों की होड़ : यूरोपीय शक्तियों में हथियारों के निर्माण की होड़ सी लग गई। इसी होड़ ने प्रथम विश्वयुद्ध को प्रोत्साहन दिया।