हिंदी कथा साहित्य की कुछ अमर कृतियों में से जयशंकर प्रसाद की आकाशदीप कहानी भी एक है। इस कहानी की नायिका चंपा ही कहानी की मुख्य नारी पात्रा है।
वह अपने वीर और बलिदानी पिता की एकमात्र संतान है।उसकी चारित्रिक विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
सुंदर बालिका - चंपा अति सुंदर बालिका है। वह सौंदर्य की साक्षात् प्रतिमूर्ति है।
यह उसके अतीव सौन्दर्य का ही प्रभाव था कि बुद्धगुप्त जिसके नाम से बाली, जावा और चंपा का आकाश पूंजता था, पवन थर्राता था, घुटनों के बल चंपा के सामने; प्रणय निवेदन करता, छलछलाई आंखों से बैठा था।