हम जानते हैं भाषा सम्प्रेषण का माध्यम है अर्थात् विचारों के आदान-प्रदान का माध्यम है, परन्तु इसके अलावा भी भाषा बहुत कुछ है। यदि भाषा न होता तो मानव समाज गूँगों का समाज कहलाता। भाषा सम्प्रेषण के अलावा हमारे आंतरिक सोच का आधार है तथा भाषा विभिन्न विषयों का आधार है।
भाषा ही शिक्षा एवं ज्ञान का प्रमुख आधार हैं। बिना भाषा के शिक्षा व ज्ञान प्राप्त किया ही नहीं जा सकता है।भाषा के द्वारा किसी समाज का ज्ञान सुरक्षित रहता है। साथ ही साथ सामाजिक एकता स्थापित करती है। भाषा के द्वारा ही शारीरिक विकास, बौद्धिक विकास एवं व्यक्तित्व का विकास होता है। भाषा ही भावात्मक एकता, राष्ट्रीय एकता एवं अंतर्राष्ट्रीय भावनाओं का विकास करती है। इस प्रकार भाषा, संप्रेषण के अलावा भी और कुछ है। है