प्रेमचंद द्वारा लिखित बलिदान कहानी का प्रमुख पात्र गिरधारी है। उसके पिता हरखू शक्कर के व्यापारी से परिस्थिति वश किसान बन जाते हैं हरखू दीर्घकाल तक अस्वस्थ रहकर परलोक सिधार जाता है। गिरधारी जमा पूंजी से उसकी अंत्येष्टि करता है। उसकी चारित्रिक विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
सेवा भावना से युक्त - गिरधारी में सेवा भावना विद्यमान है। अपने पिता के बीमार होने पर वह उनकी हर प्रकार से तीमारदारी करता है। कभी नींम के सीने पिलाता, कभी गुर्च का सत, कभी गदापूरना की जड़। इन सभी बातों से स्पष्ट होता है कि गिरधारी में सेवा भावना विद्यमान थी।
आर्थिक अभाव से ग्रस्त - गिरधारी ने समस्त जमा पूंजी से अपने पिता की विधिवत अंत्येष्टि की थी, इस कारण से उसके सामने पर्याप्त आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया। वह कई लोगों का कर्जदार हो गया और गांव के लोग उसे काटने लगे।