पृथ्वी पर पाये जाने वाले सभी जीव जो वर्तमान में मौजूद है उनकी उत्पत्ति पूर्व विकसित जीवों से क्रमिक परिवर्तन द्वारा हुई है। विकास न केवल पूर्व में उपस्थित जीवों में उत्पन्न होनेवाले परिवर्तन से संबंधित है रूपांतरण के साथ-साथ विभिन्नताएँ, अनुकूलन तथा आनुवांशिकी में परिवर्तन से होता है। अतः ऐसे विकास क्रम को ही क्रमिक विकास कहा जाता है।