जीवों के प्रजनन की वह विधि जिसमें एक जनक से नई व्यष्टि का जन्म होता है, अलैंगिक जनन कहलाता है। इसमें जनन कोशिकाओं में - युग्मकों का निर्माण एवं संलयन नहीं होता है।
यह जनन प्रायः निम्न श्रेणी के जीवों जैसे—अकोशिकीय जीव, सरल पादप एवं जन्तुओं में होता है।
प्रकार — यह द्विविभाजन, बहुविभाजन, मुकुलन, बीजाणुजनन, खंडी भवन एवं पुनरूद्भवन विधि द्वारा सम्पन्न होता है ।
लाभ- नवजात संतति आनुवंशिक रूप से जनक के समान होती है एवं इसका वृद्धि दर तीव्र होता है तथा सभी संतति सभी गुणों में एक-दूसरे के समान होती हैं ।