जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण कानूनन आवश्यक है। जन्म और मृत्यु का पंजीकरण समय से नहीं करवाने पर भविष्य में कई तरह की असुविधाएं हो सकती हैं।
जन्म प्रमाण पत्र-जन्म की तारीख एवं स्थान का एक प्रामाणिक दस्तावेज है। (Birth Certificate Is An Authentic Document Of Date And Place Of Birth).
इसका उपयोग विद्यालय में नामांकन कराने, राशन कार्ड में नाम दर्ज करवाने, वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त करने, बालिका समृद्धि योजना का लाभ लेने, बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी रिकार्ड एवं टीकाकरण तथा देश की वर्तमान जनसंख्या की स्थिति ज्ञात कर योजनायें बनाने के लिए किया जाता है।
वहीं मृत्यु प्रमाणपत्र-मृत्यु की तारीख एवं स्थान का प्रामाणिक दस्तावेज है, जिसका उपयोग पैतृक संपत्ति में दावे के निराकरण, कोर्ट कचहरी में मृत्यु के साक्ष्य के रूप में, जीवन बीमा एवं बैंक खातों की राशि प्राप्त करने, दुर्घटना आदि में मृत्यु होने पर मुआवजा लेने, अनुकम्पा के आधार पर नौकरी का दावा करने के लिए किया जाता है।
शहरी क्षेत्रों में जन्म अथवा मृत्यु का पंजीकरण नगर-निगम, नगर परिषद्, नगर पंचायत के रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु) एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत सचिव -सह- रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु), आंगनवाड़ी ( सेविका-सह-उप रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु) या चौकीदार को घटना की सूचना देकर 21 दिनों के अंदर निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है।
इसके अलावा जन्म या मृत्यु किसी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल या रेफरल अस्पताल में होने पर जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र वहीं से प्राप्त किया जा सकता है।