व्याकरण नियमों का एक समूह है जो किसी भी भाषा की रचना करने के लिए आवश्यक है। रूपान्तरित व्याकरण में दूसरे प्रकार का ज्ञान होता है अर्थात् बोलने वाले की भाषा की संरचना के बारे में समझ समाहित होती हैं। लोगों को अपनी भाषा के बारे में अंतर ज्ञान और भाषा की संरचना का ज्ञान होता है। तब यह एक व्याकरण को समझ पाता है यह आत्मसात् नियम जो किसी व्यक्ति को भाषा बोलने और समझने में मदद करते हैं। यही रूपान्तरित व्याकरण है।