पढ़ना सिखाने के बोझिल तरीके से क्या आशय है? उदाहरण सहित समझाइए। Padhna Sikhane Ke Bhojan Tarike Se Kya Aashay Hai? Udaharan Sahit Samjhaie.
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पढ़ना सिखाने के बोझिल तरीके से क्या आशय है? उदाहरण सहित समझाइए। Padhna Sikhane Ke Bhojan Tarike Se Kya Aashay Hai? Udaharan Sahit Samjhaie.

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पढ़ने के ऐसे तरीके जिनसे बच्चों को मजा न आये परन्तु उन्हें मजबूरीवश करना पड़े ऐसे सभी तरीकों को बोझिल ही कहा जाएगा। जैसे- पारम्परिक विधियों से पढ़ना सीखने वाले बच्चे हर शब्द को अक्षरों की छोटी इकाइयों में तोड़ते हैं और इस तरह से शब्दों का अर्थ ग्रहण करने की मस्तिष्क की क्षमता पर बहुत ज्यादा बोझ डाल देते हैं।

दूसरा कारण यह भी है कि शिक्षक पढ़ने के सही मतलब को नहीं समझ पाए और तद्नुसार पढ़ना सिखाने की सही विधियों की जानकारी हासिल नहीं कर पाए हैं। इन्हीं तरीकों से पढ़ना बोझिल हो जाता है। बच्चों को सही तरीके से पढ़ना सिखाने या 'पढ़ने की क्षमता विकसित करने के लिए जरूरी है कि बच्चों को 'डीकोडिंग' से दूर रखा जाए। 

'डीकोडिंग' से मतलब है शब्दों को टुकड़ों में बाँटकर पहचानना फिर उसे बोल पाना या पढ़ पाना । जैसे-वर्णमाला, उच्चारण या शब्द बोलना जैसी विधियाँ बहुत ही लोकप्रिय हैं।

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