माइन्ड मैप के माध्यम से बच्चों को पाठ्यवस्तु से संबंधित सरल या कठिन प्रकरण – को आसानी से समझने में सहायता मिलती है। विद्यार्थी किसी प्रकरण को समझने के लिए कागज पर अपनी सुविधा के लिए नक्शे के रूप में पाठ से संबंधित प्रकरणों को बनाते हैं।
और इस नक्शे को जिसे माइन्ड मैप कहा जाता है उसे ऐसे स्थान पर रखते हैं जहाँ से बार-बार आसानी से इसे देखा जा सके। माइन्ड मैप को बार-बार देखने से विद्यार्थी के दिमाग में वह पूरी तरह छप जाता है।
माइन्ड मैप अनेक प्रकार से बनाए जा सकते हैं, जैसे
(1) बहुत से प्रकरणों में बीच में मुख्य विषय-वस्तु को लिखा जाता है और उसके चारों तरफ उस विषय वस्तु से संबंधित अन्य बिन्दुओं को लाइन के द्वारा जोड़कर प्रस्तुत किया जाता है।
(2) प्रत्येक प्रकरणों के लिए अलग-अलग आकृतियों के माइन्ड मैप बनाए जा सकते हैं।
(3) माइन्ड मैप किसी प्रकरण को आसानी से याद करने के लिए विद्यार्थियों द्वारा स्वयं बनाया जाता है।
( 4 ) इसके उचित अभ्यास से विद्यार्थियों को प्रश्न का उत्तर याद करने और प्रस्तुत करने में कठिनाई नहीं होती है ।
(5) माइन्ड मैप के द्वारा एक दिमागी नक्शे के आधार पर किसी प्रश्न का उत्तर विस्तार से दिया जा सकता है ।