-प्रारम्भिक विद्यालयी स्तर पर खुले कक्षा-कक्ष का संबोध इंग्लैण्ड से आया है।
आधारभूत रूप से खुली या अनौपचारिक कक्षाकक्ष का विकास प्लोडेन रिपोर्ट (Plowden Report) में से हुआ है।
इस रिपोर्ट में सेन्ट्रल एडवाइजरी काउन्सिल फॉर एजुकेशन (Central Advisory Council for Education) ने एक खुले प्रकार की कक्षा का समर्थन किया है जिससे छात्र स्वैच्छिक क्रियाओं में घूमने हेतु स्वतंत्र होंगे, जैसे ईंटों, पेन्ट्स या रेत के साथ खेलने से लेकर और अधिक संरचनात्मक एवं उद्देश्यपूर्ण क्रियाएँ । शिक्षण एवं अधिगम के अवसर छात्रों की अभिरुचि पर निर्भर करेंगे । खुली कक्षा हेतु सैद्धान्तिक आधार महान स्विस बाल मनोवैज्ञानिक जीन पियाजे (Jean Piaget) के कार्यों से प्राप्त हुआ । पियाजे विश्वास करते हैं कि बालक को इन चीजों के बारे में बताना जिनका वह स्वयं अनुभव प्राप्त नहीं कर सकता है केवल समय का दुरुपयोग करना मात्र है।
बालक इन्द्रिय अनुभव प्राप्त कर लेने के उपरान्त ही वास्तविक सिद्धान्त को समझने में सक्षम होता है। इस इन्द्रिय अनुभव का एक बड़ा हिस्सा बालकों के मध्य परस्पर सम्प्रेषण होना चाहिए। इसका अर्थ यह नहीं है कि बालक औपचारिक अधिगम अनुभव ग्रहण नहीं कर सकता है।
यह शिक्षक का कार्य होगा कि वह ऐसी क्रियाएँ कराये जो कि छात्रों में रुचि उत्पन्न करके एवं सीखने की आवश्यकता उत्पन्न करे ।