भारत में हरित क्रांति (Harit Kranti) की शुरुआत 1967-68 में प्रारंभ किया गया। भारत में एम० एस० स्वामीनाथन को इसका जनक माना जाता है।
हरित क्रांति का अभिप्राय देश में सिंचित एवं असिंचित कृषि क्षेत्रों में अधिक उपज देने वाले संकर तथा बौने बीजों के उपयोग से फसल के उत्पादन में वृद्धि करना है।
हरित क्रांति के फलस्वरूप गेहूँ, गन्ना, मक्का तथा बाजरा आदि फसलों में प्रति हेक्टेयर उत्पादन एवं कुल उत्पादकता में काफी वृद्धि हुई।