रेडियोधर्मी पदार्थ : जब वायुमंडल में विभिन्न प्रकार के विकिरणों (अल्फा, बीटा, गामा आदि) एवं रेडियोधर्मी (radioactive) पदार्थों से हानिकारक परिवर्तन होता है तो उसे विकिरण प्रदूषण कहते हैं।
प्राकृतिक स्रोतों से मिलनेवाली विकिरणों से जीवों (पौधों एवं जंतुओं) को नुकसान तो होता ही है, लेकिन विभिन्न मानवीय क्रियाकलापों से रेडियोधर्मी पदार्थों का उत्सर्जन होता है जो सभी जीवनदायिनी तंत्रों (हवा, पानी एवं मृदा) को प्रदूषित करता है।
रेडियोधर्मी प्रदूषण का स्वरूप एवं प्रभाव दूसरे प्रकार के प्रदूषणों से भिन्न है। रेडियोधर्मी पदार्थों के परमाणु केंद्र से टूटने अल्फा कण, इलेक्ट्रॉन (बीटा कण) तथा गामा किरणें (छोटी तरंगोवाली वैद्युत चुंबकीय तरंगें) निकलती रहती है।
वातावरण में मिलनेवाले विकिरणों को उसके स्रोत के आधार पर दो भागों में बाँटा जा सकता है—
- प्राकृतिक स्रोत एवं
- मानव-निर्मित स्रोत