मौर्य काल की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति स्तंभों तथा उनके शीर्ष पर पशु आकृतियों का निर्माण है। इन स्तंभों का निर्माण अशोक द्वारा करवाया गया था।
इन पर उसकी धम्म लिपि अंकित है। इन्हें है के विभिन्न भागों में मुख्य मार्गों पर अवस्थित किया गया है।
इनमें से जो स्तंभ आज दिल्ली, प्रयाग ,लौरिया-अरेराज, लौरियानंदनगढ़ तथा रामपुरवा में है उन पर अशोक के प्रमुख लेखक अंकित हैं।
लुंबिनी, सांची, सारनाथ, कौशांबी आदि कई स्थानों पर प्राप्त स्तंभो पर उसके लघु लेख प्राप्त होते है
स्तंभों का निर्माण उच्च कोटि के अभियांत्रिकी कला को प्रदर्शित करता है। पहाड़ो से विशाल खंड को काटा गया है और संपूर्ण सतह को अत्यंत बारीकी और परिशुद्धता के साथ तराशा गया है।
एक पाषाण खंड से 40 फीट स्तंभ को शुद्धता के साथ तराशना निश्चित ही आश्चर्यजनक है और मौर्य कलाकार के अभियांत्रिकी ज्ञान की पूर्णता का सर्वोत्तम उदाहरण प्रतीत होता है।