साक्षरता जनसंख्या का बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधनात्मक गुण होता है।
साक्षरता के स्तर में कमी आर्थिक प्रगति में एक गंभीर बाधक होता है।
वैसे व्यक्ति, जिनकी आयु 7 वर्ष या उससे अधिक है, किसी भाषा को समझकर लिख या पढ़ सकता है, उसे साक्षर की श्रेणी में रखा जाता है।
स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत की साक्षरता दर बहुत ही कम थी, लेकिन शिक्षा के विकास के साथ-साथ इसकी दर में वृद्धि होती गई।
2011 की जनगणना के अनुसार देश की साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत, पुरुषों का 82.14 प्रतिशत तथा महिलाओं का 65.46 प्रतिशत है।
परम्परागत मान्यताओं के कारण महिलाओं की साक्षरता दर कम है, लेकिन इसमें तेजी से सुधार हो रहा हैं।