खोजी पोथी से पर्यावरणीय अध्ययन कैसे होता है? Khoji Pothi Se Paryavaran Adhyayan Kaise Hota Hai?
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खोजी पोथी से पर्यावरणीय अध्ययन कैसे होता है? Khoji Pothi Se Paryavaran Adhyayan Kaise Hota Hai?

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खोजी पोथी में पर्यावरणीय अध्ययन सीखने के बहुविषयी क्षेत्र के रूप में देखा गया है।

 बच्चों की समस्या सुलझाने तथा जानकारी की प्रोसेस करने के कौशल विकसित करने तथा उसमें पर्यावरण के प्रति सरोकार विकसित करने का प्रयास किया गया है।

 खोजी पोथी का मानना है कि बच्चे कुदरती जिज्ञासु व सृजनशील होते हैं, इसलिए वे अपने तरीके के विधियों से नियम तक पहुँचना चाहते हैं। 

वे आस-पास के परिवेश को देखते और सीखते हैं, जिसमें योजनाबद्ध रूप से सही विधि लेने की क्षमता विकसित होती है।

इसी सोच के साथ खोजी पोथी का ताना-बाना बुना गया है।

 अलग-अलग कक्षाओं के लिए दक्षताओं को अलग-अलग स्वर निर्धारित किए गए हैं, जो बच्चे की उम्र को ध्यान में रखते हुए उनकी समझ को और पुख्ता बनाते हैं।

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