बच्चों को अनेक प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से किसी अवधारणा के अलग-अलग पहलू को जाँचने तथा टटोलने की आवश्यकता होती है। ये सारी गतिविधियाँ बच्चों के लिए रुचिपूर्ण होनी चाहिए। इन गतिविधियों को करके तथा जो कुछ हमने सीखा है उसके विषय में बातचीत करके वह किसी अवधारणा के विषय में अपनी समझ बनाते हैं। यही सीखने का रचनावादी नजरिया कहलाता है।