पर्यावरण अध्ययन से सम्बन्धित अवधारणाओं का निर्माण निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है -
1. अवलोकन द्वारा अवधारणा निर्माण करना।
2. विश्लेषण द्वारा अवधारणा निर्माण करना।
1. अवलोकन द्वारा अवधारणा निर्माण (Concept formation by observation) - जब हम किसी वस्तु या घटना को बार-बार देखते हैं तो उसके लिये हमारे मस्तिष्क में एक निश्चित अवधारणा का गठन हो जाता है; जैसे-बालक पक्षियों को उड़ते हुए देखता है तथा वह जानवरों को चलते हुए देखता है। इसके बाद उसके अवलोकन में जानवरों एवं पक्षियों में अन्तर किया जाता है। जानवरों के चार पैर होते हैं तथा पंख नहीं होते। पक्षियों के दो पैर होते हैं तथा पंख होते हैं। इस प्रकार बालकों के मस्तिष्क में यह अवधारणा जन्म लेती है कि दो पैर एवं पंखों वाले पक्षी सदैव उड़ते हैं तथा जानवर नहीं उड़ सकते।
2. विश्लेषण द्वारा अवधारणा निर्माण (Concept formation by analysis) - विश्लेषण द्वारा भी अवधारणाओं का निर्माण होता है। इसमें अनेक प्रक्रियाओं एवं निरीक्षण के मध्य सम्बन्ध स्थापित करके अवधारणा का निर्माण किया जाता है; जैसे- एक छात्र किसी स्थान पर धुआँ उठते हुए देखता है तो यह अनुमान लगा लेता है कि वहाँ आग है। जब जाकर देखता है कि वहाँ पर वास्तविक रूप में आग है तो वह अवधारणा विकसित कर लेता है कि जहाँ धुआँ है वहाँ आग है। इसी प्रकार अन्य वस्तुओं एवं घटनाओं के सन्दर्भ में छात्रों द्वारा विश्लेषण प्रक्रिया का प्रयोग करके अवधारणाओं का निर्माण किया जाता है।