किसी भी विषय के संबंध में चर्चा करने से पूर्व यह आवश्यक है कि उसके अर्थ को समझ लिया जाए तो हम यहाँ पर जानकारी क्या है और ज्ञान क्या है उसके अर्थ को समझ लेते हैं। कुछ विद्वान ज्ञान को अथाह सागर मानते हैं उनका कहना है कि ज्ञान तो अथाह सागर है उसकी एक बूँद प्राप्त करने में ही जीवन निकल जाता है।
अपने शब्दों में कहूँ तो ज्ञान एक स्थायी चीज है जिसे इंसान एक बार प्राप्त कर ले तो उसे ताउम्र न भूले इसे मैं इस उदाहरण से स्पष्ट करना चाहूँगा जैसे किसी व्यक्ति को तैरना आ गया तो वह आज से पच्चीस साल बाद भी उसे गहरे पानी में डाल दिया जाये तो वह तैरकर बाहर आ जायेगा । वह भी बड़े ही कुशलता के साथ |
अब प्रश्न में दिए गए शब्दों पर जोर देने से यह भाव निकलता है कि जानकारी का मतलब • उनके विषय में जानना जिसके संबंध में हम अनभिज्ञ हैं जबकि ज्ञान के विस्तार से तात्पर्य जिस वस्तु को हम जानते हैं उसके विषय में जानकारी की ज्यादा से ज्यादा सम्पूर्णता की ओर जाना । बच्चों की बात करें तो बच्चे न तो जानकारी के लिए पढ़ते हैं न ही ज्ञान के विस्तार के लिए। उनके लिए पढ़ने का एक मात्र उद्देश्य मनोरंजन होता है। बच्चा खेल-खेल में पढ़ना सीखता है और खेल-खेल में वह पढ़ने के प्रति रुचि लेने लगता है तथा अपनी जानकारी व ज्ञान का विस्तार स्वयं ही करना सीख जाता है ।