बच्चे जब भाषा सीखते हैं तो वे भाषागत प्रवीणता के साथ-साथ समाज में भाषा का प्रयोग किस प्रकार करना है तथा भाषा से सामंजस्य स्थापित किस प्रकार करना है यह भी सीखते हैं। सामाजिक नियमों एवं परिस्थितयों के अनुरूप भाषा का प्रयोग करना भाषायी प्रवीणता के लिए आवश्यक है। भाषा ही मनुष्य को सभ्य मानव बनाती है।