अनुरूपित शिक्षण में प्रस्तुतीकरण की विधियाँ कौन-कौनसी है ? Anurupit Shikshan Mein Prastutikaran ki Vidhiyan Kon-Kon Si Hai? Bataiye.
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अनुरूपित शिक्षण में प्रस्तुतीकरण की विधियाँ कौन-कौनसी है ? Anurupit Shikshan Mein Prastutikaran ki Vidhiyan Kon-Kon Si Hai? Bataiye.

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क्रुकशैंक (Crucshank) महोदय का विचार है कि अनुरूपित शिक्षण में निरूपण की तीन आधारभूत विधियों में से किसी एक या अधिक विधियों का प्रयोग किया जाना चाहिए

 (1) वृत्तान्त अध्ययन (Case Studies) - वृत्तान्त अध्ययन में किसी व्यक्ति, संगठन अथवा स्थिति की पृष्ठभूमि यथार्थवत् रूप में बताई जाती है। वृत्तान्त अध्ययन यथार्थवत् स्थितियों में | मनःस्थिति तथा सूचना प्रस्तुत करने की विधि है। पृष्ठभूमि की सूचना यथार्थवत् अनुकरण का अनिवार्य भाग है।

(2) भूमिका निर्वहन (Role Playing) - भूमिका निर्वहन एक और तकनीक है जिसका प्रयोग अनुरूपित/यथार्थवत् शिक्षण में किया जाता है। भूमिका निर्वहन की दो विशेषताएँ होती हैं

(i) स्वाभाविकता (Spontaneity) - भूमिका निर्वाह में स्थिति के अनुकूल स्वाभाविक अभिनय करना होता है।

(ii) आविष्कार (Invention) - भूमिका निर्वहन एक प्रकार का काल्पनिक आविष्कार है जिसमें भाग लेने वाले व्यक्ति दूसरों का रूप धारण करके विशिष्ट स्थिति में उन जैसा व्यवहार करते हैं।

 भूमिका निर्वाह की ये विशेषताएँ (स्वाभाविकता एवं आविष्कार) व्यक्तिगत अभिनय तथा भूमिका दोनों पर जोर देती हैं।

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