1857 की क्रांति का तत्कालीन कारण एनफील्ड राइफल में लगाए जाने वाली कारतूस को माना जाता है।
इसका कारतूस व्यवहार करने से पूर्व इसे दांतो से काटना पड़ता था। बंगाल की सेना में यह प्रचार हो गया कि कारतूस में गाय और सुअर की चर्बी मिली हुई हैं।इससे हिंदू-मुस्लिम सिपाही समान रूप से क्रोधित हो गए उन्हें विश्वास हो गया कि सरकार उनका धर्म नष्ट करने पर तुली हुई हैं। सैनिकों ने कारतूस का व्यवहार करने से इंकार कर दिया।बंगाल की सेना में बगावत आरंभ हो गई 29 मार्च 1857 को बैरकपुर छावनी के एक सैनिक मंगल पांडे ने कारतूस का वार करने से इंकार कर दिया। उसने दो अंग्रेज अधिकारियों की हत्या भी कर दी।8 अप्रैल को मंगल पांडे को फांसी की सजा दी गई। सेना की टुकड़ी को भी भंग कर दिया गया। मंगल पांडे की फांसी ने विद्रोह की अग्नि प्रज्वलित कर दी।