1789 की फ्रांसीसी क्रांति से पूर्व फ्रांस का समाज मुख्यतः तीन वर्गों— पादरी वर्ग, कुलीन वर्ग और साधारण वर्ग में बँटा हुआ था।
पादरी वर्ग में रोमन कैथोलिक चर्च के उच्च श्रेणी के पादरी थे।
वे बहुत धनी और अत्यधिक जमीनों के मालिक थे। उन्हें कई प्रकार के विशेषाधिकार प्राप्त थे।
उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था। उनका जीवन ऐश्वर्यपूर्ण तथा विलासी था।
वे धर्म की आड़ में अनेक पाप करते थे। कुलीन वर्ग में उच्च सरकारी अधिकारी और बड़े-बड़े जमींदार होते थे।
इन लोगों के पास अपनी जागीर होती थी। वे कृषकों से उपज का 1/5 भाग लेते थे।
उन्हें कई प्रकार के विशेषाधिकार प्राप्त थे। साधारण वर्ग में मजदुर किसान छोटे सरकारी कर्मचारी, वकील, डाक्टर, शिल्पी, पत्रकार,अध्यापक आदि शामिल थे।
इन लोगों से हर प्रकार के कर लिए जाते थे इनसे बेगार भी ली जाती थी फ्रांस का यह बहुत असंतुष्ट वर्ग था