विभिन्न पर्यावरणीय अवधारणाओं पर बच्चों के विचार पर्यावरण अध्ययन शिक्षण के महत्त्वपूर्ण भाग हैं। बच्चे पर्यावरणीय अवधारणाओं पर विचारों का निर्माण करते हैं। जब बच्चों के इन विचारों को जानकर उन्हें पर्यावरण से सम्बन्धित जानकारी दी जाती है तो उनके ज्ञान प्राप्ति की प्रक्रिया अधिक उपयोगी एवं सार्थक सिद्ध होती है; जैसेकोई बच्चा भोजन के बारे में इस प्रकार की अवधारणा बना लेता है कि केवल स्वादिष्ट भोज्य पदार्थ ही खाने चाहिये और हरी सब्जियाँ एवं दालों को नहीं खाना चाहिये तो उसके इस विचार के कारण को जानना चाहिये। जैसे- वह बच्चा स्वाद को अपने विचारों का आधार बना रहा है तो उसे समझाना चाहिये कि हमें स्वाद की अपेक्षा भोजन के पौष्टिक तत्त्वों पर ध्यान देना आवश्यक है।
दाल और हरी सब्जियाँ पौष्टिक तत्त्वों से भरपूर हैं, इसलिये शरीर की वृद्धि एवं विकास के लिये इनका सेवन हमें अवश्य करना चाहिये। इसी प्रकार के अन्य विचारों का विभिन्न अवधारणाओं के सन्दर्भ में बच्चों में विकास होता है। बच्चों के इन विचारों को जानकार एवं समझकर उनमें परिवर्तन एवं संशोधन करके सार्थक रूप प्रदान किया जाना चाहिये जिससे कि बच्चों को अपने विचारों का अपने सर्वांगीण विकास में योगदान प्राप्त हो सके।बच्चों के विचारों के आधार पर उनको पर्यावरण का सार्थक ज्ञान प्रदान किया जा सकता है । बच्चों के इन विचारों को पर्यावरणीय अध्ययन के प्रमुख प्रकरणों के रूप में सम्मिलित किया जा सकता है; जैसे- घर, परिवार, सामाजिक परम्पराएँ, सामाजिक कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा सामाजिक मूल्यों से सम्बन्धित विचार। अतः बालक के लिये पर्यावरण अध्ययन शिक्षण से पूर्व उसके विचारों को जानना आवश्यक है।