दक्कन 1875 में पुना तथा अहमदाबाद के कुछ जिलों में किसानों ने साहूकारों के अत्याचारों से तंग आकर साहूकारों के खिलाफ विद्रोह कर दिया जिसे इतिहास में दक्कन विद्रोह के नाम से जाना जाता है।
एक अनुमान के अनुसार 33 गाँव के लोगों ने विद्रोह किया था। इस विद्रोह में विद्रोहियों के निशाने पर थे मारवाड़ी तथा ब्राह्मण साहूकार।
इस विद्रोह की विशेषता यह थी कि इसमें किसी की हत्या नहीं हुई विद्रोहियों का उद्देश्य केवल दस्तावेज को नष्ट करना था।