साख-पत्रों से अभिप्राय उन पत्रों या साधनों से होता है जिनका साख-मुद्रा के रूप में प्रयोग किया जाता है। इन पत्रों के आधार पर ऋणों का आदान-प्रदान तथा वस्तुओं और सेवाओं का क्रय-विक्रय होता है।
एक आधुनिक अर्थव्यवस्था के संचालन में साख-पत्रों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है तथा अधिकांश व्यापारिक लेन-देन इन्हीं के माध्यम से होते हैं।
वास्तव में, मुद्रा नहीं होने पर भी साख-पत्र मुद्रा के कार्यों का ही संपादन करते हैं। साख-पत्र एक प्रकार का लिखित प्रतिज्ञा-पत्र होता है।
इसे लिखनेवाला व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति अथवा उसके द्वारा आदेशित व्यक्ति या वाहक को तत्काल अथवा एक निश्चित अवधि के पश्चात साख-पत्र में उल्लेख की गई रकम अदा करने का वादा करता है।
साख-पत्रों के कई प्रकार हैं जिनमें चेक, बैंक ड्राफ्ट, यात्री चेक, हुंडी या वादा-पत्र प्रमुख हैं।