भाषा एक कला है, बोर्ड ऑफ लन्दन द्वारा प्रकाशित ग्रन्थ में भाषा के विषय में कहा गया है कि भाषा एक कौशल एक कला, एक भाव और एक क्रिया है। वास्तव में अन्य कलाओं की भाँति भाषा का भी पूर्ण ज्ञान प्राप्त करना एक कला है। जिस प्रकार अन्य कलाओं को सीखने में अभ्यास की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार भाषा में कुशलता अर्जित करने के लिए भी अभ्यास करना आवश्यक होता है। शुद्ध उच्चारण, स्वच्छ व शुद्ध लेखन, वाचन में सन्तुलित गति, अक्षरों की बनावट, प्रभावपूर्ण स्वर में आरोह-अवरोह, व्याकरण शब्दों का बाहुल्य वाक्य संरचना आदि बातों का ज्ञान भाषा सीखने के लिए आवश्यक होता है।