पर्यावरण तथा मनुष्य के बीच गहरा संबंध है। इन दोनों को अलग करना बहुत ही कठिन है। अतः मनुष्य को पर्यावरण के विषय में उचित ज्ञान प्रदान करने हेतु पर्यावरणीय शिक्षा अति आवश्यक है।
1. पर्यावरण प्रदूषण की समस्या आज सबसे बड़ी समस्या बन गई है। पत्रिकाओं, अखबारों, टेलीविजन के माध्यम से पर्यावरण उन्नयन के संबंध में जानकारी दी जा रही है।
2. पर्यावरण ने पृथ्वी को जीवित जगत का गौरव प्रदान किया है। सौर परिवार में केवल पृथ्वी पर पौधों एवं प्राणियों के विकास के लिए अनुकूल पर्यावरण उपलब्ध है।
3. मानव सहित सभी जीव पर्यावरण की देन है। मानव धरातल की सर्वोत्तम रचना है, जिसने पर्यावरण के रहस्यों को जानने में महारथ हासिल की है। मानव की सभी क्रियाओं तथा आधारभूत आवश्यकताओं, प्रमुख उद्यम तथा सामाजिक आवश्यकताओं का प्रत्यक्ष संबंध पर्यावरण से होता है। अतः पर्यावरण भौतिक तत्त्वों, शक्तियों एवं प्रक्रमों का ऐसा समुच्चय है जो सृष्टि को बनाये हुए है।
4. पर्यावरण पृथ्वी के प्राकृतिक तत्त्वों का क्रमबद्ध अध्ययन करता है, क्योंकि यह पृथ्वी की भौतिक रचना से लेकर स्थलाकृति, वायुमण्डल, मिट्टी, प्राकृतिक वनस्पतियों, जीव-जंतु आदि का शृंखलाबद्ध अध्ययन करता है।