पर्यावरण का विषय क्षेत्र विस्तृत है, क्योंकि इसमें एक जीवमण्डलीय पारितन्त्र का अध्ययन किया जाता है। स्थल, जल, वायु के सम्मिलन से निर्मित पृथ्वी के चारों तरफ व्याप्त मोटी परत जो सभी प्रकार के जीवों का पोषण करती है, जीवमण्डल कहलाती है।
इस जीवमण्डल में सभी जीव अबाध रूप से विकसित होते हैं। यही जीवमण्डल, भू परितन्त्र है, जो पर्यावरण अध्ययन का मूलभूत तत्त्व है।
पर्यावरण में संचालित विभिन्न भू-रासायनिक चक्रों द्वारा पर्यावरण के भौतिक घटक जीवन को स्वस्थ आधार प्रदान करते हैं