अनुवांशिक बीमारियाँ वे होती हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाती है। इसका कारण, वे गुणसूत्र होते हैं, जो परिवार के एक सदस्य को अपने माता-पिता से मिलते हैं। यही गुणसूत्र एक व्यक्ति के गुणों को एक से दूसरे में लेकर जाते हैं। कुछ अनुवांशिक बीमारियाँ निम्नलिखित हैं
रक्ताल्पता - यह हीमोग्लोबिन की संख्या में कमी आने से होती है। इसे एनिमिया भी कहते हैं। डीप वेन थ्रोम्बोसिस - डीप वेन थ्रोम्बोसिस यानि डी वी टी। यह ब्लड, क्लॉट होता है, जो शरीर की नसों की गहराई में बन जाता है। जब खून गाढ़ा हो जाता है, तब यह स्थिति बनती है। ज्यादातर ये समस्या जांघ पर होती है।
मल्टीपल स्केलेरोसिस- दिमाग की तंत्रिकाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य करने वाले सेल्स के क्षतिग्रस्त हो जाने की वजह से यह बीमारी होती है। इसमें एंटीबॉडी मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और आँखों के नसों पर प्रभाव डालती है।
मधुमेह - टाइप 1 और टाइप-2 डायबिटीज मेलेटस, जिसे सामान्यतः मधुमेह कहा जाता है, चयापचय संबंधी बीमारियों का एक समूह है जिससे लंबे समय तक उच्च रक्त शर्करा का स्तर होता है।
रक्तवर्णकता - यानि हेमोचरोमाटोसिस, एक बीमारी है जिसमें बहुत ज्यादा लोहा शरीर में जमा होता है।
पार्किसंस रोग- पार्किंसन रोग केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का एक रोग है जिसमें रोगी के शरीर के अंग कंपन करते रहते हैं।
थैलेसीमिया- इस रोग के होने पर शरीर की हीमोग्लोबिन निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी हो जाती है। इसमें रोगी के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है जिसके कारण उसे बार-बार बाहरी खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस- यह एक अनुवांशिक रोग है, जो शरीर के कई भागों को प्रभावित करता है। इनमें जिगर, पैंक्रियाज, मूत्राशय के अंग, जननांग और पसीने की ग्रंथियाँ शामिल हैं।
हीमोफीलिया- इसमें शरीर के बाहर बहता हुआ रक्त जमता नहीं है। इसके कारण चोट या दुर्घटना में यह जानलेवा साबित होती है क्योंकि रक्त का बहना जल्द ही बंद नहीं होता।
डाउन सिंड्रोम - डाउन सिंड्रोम एक अनुवांशिक रोग है, जो बहुत कम लोगों को होता है। इस रोग में ना सिर्फ बच्चे का शारीरिक बल्कि मानसिक विकास भी धीमा होता है। इसके अलावा किसी भी प्रकार की एलर्जी और बार-बार गर्भपात की समस्या भी अनुवांशिक बीमारी हो सकती है।