पं० मोतीलाल नेहरू (Pandit Motilal Nehru) की अध्यक्षता में गठित एक समिति ने 1928 में भारत के भावी संविधान की जो रूपरेखा तैयार की उसे नेहरू रिपोर्ट कहा जाता है।
इसमें भारत को औपनिवेशिक स्वराज्य प्रदान करने की माँग रखी गयी। इसकी अन्य महत्त्वपूर्ण सिफारिशें थीं— केन्द्र में द्विसदनात्मक व्यवस्थापिका की स्थापना, प्रान्तों में उत्तरदायी शासन की स्थापना, प्रिवी कौंसिल की समाप्ति तथा एक सर्वोच्च न्यायालय का गठन।
रिपोर्ट में नागरिक अधिकारों की सुरक्षा की व्यवस्था, बालिग मताधिकार, सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली की समाप्ति तथा अल्पसंख्यकों के लिए जनसंख्या के आधार पर क्षेत्र विशेष में स्थान आरक्षित करने की व्यवस्था की गयी।