बाह्य-स्थान संरक्षण (Baahy-Sthan Sanrakshan) : कभी-कभी ऐसी स्थितियाँ भी रहती हैं जब पौधे या जंतु संकट ग्रस्त या आपत्ति ग्रस्त श्रेणी में आ जाते हैं तब उनके तत्काल संरक्षण के उपाय करने पड़ते हैं। इसके लिए उन स्पीशीज को उनके आवासीय स्थानों से हटाकर अन्यत्र जैसे— वानस्पतिक या जंतु उद्यान में रखा जाता है। इस प्रकार का संरक्षण बाह्य स्थान संरक्षण (Ex Situ conser vation) कहलाता है।