भाषा शिक्षण में पढ़ने का विशेष महत्व है। "पढ़ना" सीखने का महत्व जीवन के हर क्षेत्र में है। आज के इस प्रगतिशील और वैज्ञानिक युग में पढ़ना अति आवश्यक है। जिस व्यक्ति में पढ़ने की योग्यता नहीं है वह संसार की विभिन्न संस्कृतियों की महानता एवं विशालता को नहीं समझ सकता। पढ़ना एक कला होने के साथ-साथ ज्ञान-अर्जन की कुँजी भी है। पढ़कर व्यक्ति कठिन विषय को समझ लेता है तथा उसे लिखकर या मौखिक रूप से व्यक्त कर सकता है।
नाटक, कहानी, जीवन-चरित्र, इतिहास, कविता, आलेख आदि का आनन्द व्यक्ति पढ़कर ही उठा सकता है। अच्छे वाचन के बिना न तो कोई अच्छा वक्ता बन सकता है न ही लेखक। पढ़ना ज्ञान प्राप्ति के साथ-साथ मनोरंजन का साधन भी है। पढ़ने के द्वारा ही वार्तालाप या बातचीत का ढंग आता है। समाज में हमारा महत्वपूर्ण स्थान बन सकता है पढ़ने के द्वारा बालक सम्पूर्ण मानव के द्वारा संचित ज्ञान राशि से परिचित होता है।